यह मामला 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को किए गए $130,000 के भुगतान से संबंधित है, जिसे ट्रम्प ने कथित संबंध के बारे में चुप रहने के लिए दिया था। ट्रम्प पर आरोप है कि उन्होंने इस भुगतान को छिपाने के लिए व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेरफेर किया। हालांकि, ट्रम्प ने इन आरोपों से इनकार किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 5-4 के फैसले में ट्रम्प की सजा को स्थगित करने की याचिका को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स और न्यायमूर्ति एमी कोनी बैरेट ने उदारवादी न्यायाधीशों के साथ मिलकर यह निर्णय लिया। इसका मतलब है कि ट्रम्प की सजा निर्धारित समय पर ही होगी।
न्यायाधीश जुआन मर्चन ने संकेत दिया है कि ट्रम्प को "अनकंडीशनल डिस्चार्ज" दिया जाएगा, जिसका अर्थ है कि उन्हें न तो जेल की सजा होगी, न ही जुर्माना या प्रोबेशन। यह निर्णय इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है कि ट्रम्प जल्द ही राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं।
ट्रम्प के कानूनी दल ने तर्क दिया था कि सजा का यह समय उनके राष्ट्रपति पद की तैयारियों में बाधा उत्पन्न करेगा। हालांकि, अदालत ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया और सजा को स्थगित करने से इनकार कर दिया।
सजा के बाद, ट्रम्प के पास अपने दोषसिद्धि के खिलाफ अपील करने का अधिकार होगा। यह अपील न्यूयॉर्क राज्य की सुप्रीम कोर्ट, अपीलीय विभाग, फर्स्ट डिपार्टमेंट में सुनी जाएगी। यदि वहां असफल होते हैं, तो वे न्यूयॉर्क कोर्ट ऑफ अपील्स में अपील कर सकते हैं, जो राज्य की सर्वोच्च अदालत है।
यह मामला अमेरिकी राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहां एक निर्वाचित राष्ट्रपति को उनके पदभार ग्रहण करने से पहले आपराधिक सजा का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, यह देखा जाना बाकी है कि यह सजा उनके राष्ट्रपति पद के कर्तव्यों को कैसे प्रभावित करेगी।
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कानून सभी के लिए समान है, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली व्यक्ति क्यों न हो। ट्रम्प की सजा और आगामी अपीलें अमेरिकी न्याय प्रणाली की पारदर्शिता और निष्पक्षता की परीक्षा होंगी।
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